श्री कल्याणी माता गौशाला में धूमधाम से मनाई गोपाष्टमी

गोपाष्टमी मोके गौ भक्तों ने गौशाला में गौ माता की पूजा की, टेका मत्था

पटियाला, 21 नवंबर:-श्री कल्याणी माता गौशाला, काली माता मंदिर, पटियाला में गोपाष्टमी बड़ी धूमधाम से मनाई गई। सुबह से लेकर देर शाम तक हजारों की संख्या में गौभक्तों ने गौमाता को तिलक कर, खंमणी बांधकर और दुशाला चढ़ाकर पूजा-अर्चना की।
श्री कल्याणी माता गौशाला के अध्यक्ष वीरेंद्र जोशी बब्बू ने कहा कि धर्मग्रंथ कहते हैं कि कार्तिक माह की प्रतिपदा से भगवान श्रीकृष्ण ने गोवर्धन पर्वत को अपनी उंगली पर उठाकर कार्तिक की सप्तमी तक देवराज इंद्र से बृजवासियों की रक्षा की थी। इंद्र के अहंकार को नष्ट करके सभी गायें और गोपियोँ की रक्षा करने के कारण भगवान श्री कृष्ण का नाम गोविंद पड़ा। तभी से गोपाष्टमी का त्योहार मनाया जाता है।


इस अवसर पर ट्रस्टी विपन शर्मा ने कहा कि मानव जीवन में गाय का बहुत महत्व है। गायें हमें दूध, दही, मक्खन, गोबर, गोमूत्र के साथ-साथ रोजगार भी प्रदान करती हैं जो मनुष्य को स्वस्थ और रोगमुक्त जीवन जीने में मदद करती हैं। लेकिन आज गौ माता की दुर्दशा हो रही है। गायें सड़कों पर घूम रही हैं। सरकारें काओ सेस तो ले रही हैं लेकिन उस पैसे को गायों पर सही तरीके से खर्च करने की जरूरत है।


इस मौके पर ट्रस्टी अशोक शर्मा ने कहा कि गोपाष्टमी पर ही नहीं बल्कि हर दिन गाय का स्मरण करना चाहिए। गाय का दूध पतला, याददाश्त बढ़ाने वाला, शीघ्र पचने वाला होता है। वहीं गाय के मूत्र से कैंसर तक ठीक हो जाता है. गाय के गोबर का लेप करने से बैक्टीरिया भी मर जाते हैं। शुद्ध गाय का घी अधरंग ठीक कर देता है लेकिन गाय को संरक्षित करने वाला कोई नहीं। पहले हर घर में गायें होती थीं लेकिन अब केवल गौशालाओं या सड़कों पर ही गायें होती हैं।


इस मौके पर स्वामी शंकरानंद गिरि, नितिन पंजोला, रमेश शर्मा, महंत विजय चिंकू, वरिंदर मोदगिल, सरजीवन शर्मा, रमेश लाला, दीपक शर्मा, शिव ओम आदि ने आए हुए गोभक्तों का धन्यवाद किया।

 

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गाय को एक मात्र पवित्र प्राणी माना गया है। जिसका दूध, मूत्र और गोबर तक पवित्र होता है।

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