देवी चंद्रघंटा की पूजा इस मन्त्र से होती है… या देवी सर्वभूतेषु मां चंद्रघंटा रूपेण संस्थिता। नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः।।

सुबह जल्दी उठकर स्नान करें. स्नानादि के बाद बाद मां की पूजा की शुरुआत होती है, उससे पहले सभी देवी-देवताओं का आह्वान ज़रूरी है. पूजा के आरम्भ में माता की प्रतिमा भी गंगा जल छिड़कें. चंद्रघंटा देवी की  पूजा में धूप, दीप, रोली, चन्दन और अक्षत का विशेष स्थान है.  चंद्रघंटा देवी को फूलों में कमल और शंखपुष्पी अति प्रिय हैं, अतः इन्हीं फूलों से उनकी पूजा होनी चाहिए. पूजा होने के बाद घर में शंख और घंटा अवश्य बजना चाहिए. इससे घर और जीवन में सकारात्मक ऊर्जा का विस्तार होता है. भोग में दूध से बनी मिठाई ही चढ़ानी चाहिए. देवी के तृतीय  रूप की पूजा करते हुए हाथों में पुष्प होना चाहिए.

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