गोहत्यां ब्रह्महत्यां च करोति ह्यतिदेशिकीम्। यो हि गच्छत्यगम्यां च यः स्त्रीहत्यां करोति च ॥ भिक्षुहत्यां महापापी भ्रूणहत्यां च भारते। कुम्भीपाके वसेत्सोऽपि यावदिन्द्राश्चतुर्दश ॥ admin November 5, 2023 Uncategorized Leave a comment 59 ViewsRelated Articles चैत्र नवरात्रि के तीसरे दिन मां चंद्रघंटा की होगी पूजाApril 11, 2024 बंधन” हमेशा “दुख” देता हैं और “संबंध” हमेशा “सुख” देता हैंApril 8, 2024 गाय को प्रणाम करने या उस की परिक्रमा करने से धर्म, अर्थ, काम और मोक्ष इन चारो की प्राप्ति होती है….December 22, 2023 Share Facebook Twitter Stumbleupon LinkedIn Pinterest